आईएमए ने कहा: आयुष्मान भारत योजना से सरकारी अस्पतालों को रखा जाए बहार

आईएमए ने कहा: आयुष्मान भारत योजना से सरकारी अस्पतालों को रखा जाए बहार

सेहतराग टीम

भारतीय चिकित्सा परिषद (आईएमए) ने रविवार को बीमा कंपनियों एवं बड़े अस्पतालों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से लाभ पहुंचने का दावा करते हुए सरकारी अस्पतालों को इस योजना से हटाने की मांग की और कहा कि सरकारी अस्पतालों को सीधे आर्थिक मदद पहुंचायी जाए।

आईएमए के प्रमुख डॉ. शांतनु सेन ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बीमा का मॉडल फेल हो गया है और भारत सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। बीमा कंपनियों के साथ सांठ-गांठ होने से इस योजना का लक्ष्‍य बेहतर इलाज मुहैया कराने की बजाय लाभ कमाना हो जाएगा। सेन ने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को प्राइवेट अस्पतालों तक ही सीमित रहना चाहिए क्योंकि सरकारी अस्पतालों को इसमें शमिल करने से लोगों को कोई अतिरिक्त फायदा नहीं मिलेगा जो कि पहले से ही मुफ्त में इलाज करते हैं। अगर सरकारी अस्पतालों को आगे बढ़ाना है तो उन्हें सीधे पैसे देने चाहिए।

आईएमए के मानद महासचिव डॉ. अशोकन ने कहा कि, संगठन चाहता है कि सरकार को बीमा मॉडल की बजाय करदाताओं के पैसे से चिकित्सा से संबंधी सेवाओं व योजनाओं पर काम करना चाहिए।

आईएमए प्रमुख ने दावा किया कि योजना के अनुसार बीमा क्लेम के निपटारे के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं है, जिससे छोटे और मध्य वर्ग के अस्पतालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। बीमा योजना के तहत सभी बीमारियों के खर्च के लिए एक ही दाम तय किया गया है लेकिन किसी व्यक्ति को छोटी बीमारी हो सकती है और किसी व्यक्ति को बड़ी तो हर व्यक्ति के इलाज पर अलग-अलग खर्च आएगा।

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